बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और ईलाई समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के संबंध में सनातन चेतना मंच, जिला कटनी (म.प्र.) के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति,सेवा में, भारत सरकार, नई दिल्ली के नाम कलेक्टर कटनी के द्वारा सौपा ज्ञापन
(हेमंत सिंह )कटनी : जन, भारत के नागरिक और सकल हिंदू समाज के प्रतिनिधि, बांगलादेश में हिंदू बौद्ध और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिंता और विरोध व्यक्त करते हैं। बाग्लादेश में वर्तमान में जो अत्याचार चल रहे हैं. ये न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि इनसे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे हैं।
स्वातंत्रता के समय तत्कालीन पूर्व पाकिस्तान (वर्तमान में चांगलादेश) में 22% हिंदू थे। किंतु उन्हें दी जा रही यातनाओं के कारण, तथा उनका चर्नान्तरण (Genocide) करने के कारण, बांग्लादेश की पिछली जनगणना तक वहां मात्र 7.95% ही हिंद बचे हैं। विशेषतः, विगत 5 अगस्त को फैली हिंसा के बाद, बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय को लक्ष्य बनाकर, उनकी हत्याएं की जा रही है। उनके घर लूट गा रहे हैं। उनकी जवान बेटियों पर अत्याचार किए जा रहे हैं।
5 अगस्त से अब तक कुछ हजार हिंदुओं की हत्या की गई है। हिंदुओं पर हमले की 6,000 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है। खुलना, रंगपुर, राजशाही, बारिसाल,
चिटगांव, सिल्डट... इन सभी विभागों में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार किए जा रहे हैं। पुलिस विभाग हिंदुओं की शिकायतें नहीं ले रहा है। चांग्लादेश प्रशासन ने, एक ही महीने में
252 हिंदू पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया है। आंग्लादेश की पुलिस में अब एक भी हिंदू पुलिस अधिकारी नहीं बचा है।
हिंदुओं के श्रद्धास्थान, मंदिरों पर हमले किए, गा रहे हैं। पिछले भार महीनों में 1,000 से ज्यादा मंदिरों को ध्वस्त किया गया तथा मंदिरों में स्थापित भगवान की मूर्तियों की विटंबना की गईझे उन्हें तोड़ा गया।
महोदया, बांग्लादेश में हिंदू अत्यंत अनुरक्षित हैं। उन्हें कोई भी मूलभूत अधिकार नहीच नहीं हो रहा है। हिंदू समुदाय की हत्याओं का दौर जारी हैं। विगत दिनों बांग्लादेश सरकार ने, वहां के प्रमुख हिंदू संत एवं इस्कीन के पदाधिकारी, चिन्मय कृष्णदास ब्रहाचारी, को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। यह
सच अत्यंत दुःखम हैं। हमारे पड़ोसी देश में हिंदुओं पर हो रहे इन पाशवी आमाचारों से हम सब व्यथित हैं..!
हमारे पड़ोसी देश में हुई कुछ महवाओं ने हमे गहरे आधात पहुंचाया है, जिनमें विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों पर किए गए हमलों की एक श्रृंखला शामिल है। 25 नवंबर 2024, वाका में इस्कीन के चिन्मय कृष्ण दास जी को झूठे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, वो कि धार्मिक एवतंत्रता और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन था। 24 नवंबर 2024, बगेरहारः एका हिंदू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया, जो एक गंभीर अपराध है और अल्पसंख्यकों के
खिलाफ हो रहे अत्याचारों का प्रतीक है।
20 नवंबर 2024, बरिसाल: हिंदू समुदाय के परों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे उनकी संपत्ति और सम्मान को नष्ट कर दिया गया।
19 सितंथर 2024, सिलहटः बौद्ध और हिंदू मंदिरों को तोड़-फोड़ कर आग लगा दी गई, जो धार्मिक असहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का एक प्रयास था। इन घटनाओं में हजारों हिंदू, बौद्ध और ईसाई परिवारों को विस्थापित किया गया है और उनके धार्मिक
स्थलों को तोड़ा गया है। उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले किए जा रहे है, जो न केवल बांग्लादेश के संविधान और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि हमारे समाय मानवता के लिए भी एक खतरा हैं। हमारी मांगें:
1. भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर चबाब डाला जाए ताकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिक्षित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके एवं हिन्दू संत स्वामी चिन्मय प्रभु की बिना शर्त रिहाई की जा सके।
3. संमुक राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन आकारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए।
3. अल्पसंधमकी पर हो रहे अत्याबाटरों की निश्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए जाकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृति न हो। 4. जिन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन और घरों से बेचधात किया गया है, उन्हें उन्मूलन किया जाए और उनकी संपक्षियों को वापस दिलाया जाए। माननीया महामहिम,
हार्दिक और परस्परिक सम्थान पर भी हमला है। हम आपसे सके और इन अत्याचारों को रोका जा सके। विधाकार इस विषय में सकारात्मक हस्तक्षेप बोगी और बालादेश में अल्वीइकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएका निवेदक
सनातर चेतना मंच
जिला-कटनी
दिनांक: 04-12-2024
संयोजक
9425158679
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