ग्रामपंचायत मुरवारी में नाला शुद्धिकरण कार्य में भारी भ्रष्टाचार। फर्जी हाजिरी, अधूरा कार्य और सरपंच के परिजनों को अवैध लाभ।




कटनी /ढीमरखेड़ा/न्यूज़ एम पी एक्सप्रेस :

ग्रामपंचायत मुरवारी में नाला शुद्धिकरण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस कार्य में सरकारी धन का खुला दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। प्रशासन और संबंधित विभागों की अनदेखी के चलते भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं।  


फर्जी हाजिरी से लाखों की हेराफेरी:

सूत्रों के अनुसार, इस कार्य में प्रतिदिन केवल 50-55 मजदूर ही कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनकी हाजिरी 80-85 मजदूरों के रूप में दर्ज की जा रही है। इसका मतलब है कि लगभग 30-35 मजदूरों की फर्जी हाजिरी भरकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है। यह घोटाला लाखों रुपये के गबन की ओर इशारा करता है।  


खुदाई में अनियमितता, जल निकासी में बाधा:

नाले की खुदाई भी मानकों के अनुरूप नहीं की जा रही है। जहां पानी की निकासी की दिशा होनी चाहिए, वहीं पर नाले की ऊंचाई बढ़ा दी गई है, जिससे जल निकासी बाधित हो रही है। यह तकनीकी त्रुटि नहीं बल्कि जानबूझकर की गई अनियमितता है, जिससे भविष्य में भारी जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।  


सरपंच के परिजनों को अवैध लाभ:

इस भ्रष्टाचार में सबसे बड़ा नाम ग्रामपंचायत के सरपंच अजय पटेल का सामने आ रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि उनके जॉब कार्ड के अंतर्गत उनके दो पुत्र, नीरज लोधी और प्रशांत लोधी की भी हाजिरी निरंतर भरी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दोनों ने कभी भी कार्यस्थल पर कदम नहीं रखा, फिर भी वे नियमित रूप से मजदूरी का भुगतान प्राप्त कर रहे हैं।  


ग्रामपंचायत के मेट ने मानी अनियमितता:

जब इस विषय में ग्रामपंचायत के मेट अशोक कुमार तिवारी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा की केवल 50-55 मजदूर काम करते हैं। जब उनसे पूछा गया कि फिर 80-85 मजदूरों की हाजिरी क्यों भरी जा रही है, तो उन्होंने इस सवाल का स्पष्ट जवाब देते हुए कहा की यह पूर्णतः गलत है। 50-55 मजदूर ही कार्य करते है।


मामला उजागर, प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी निगाहें:

21 फरवरी को नाले पर केवल 50 मजदूर कार्य कर रहे थे, लेकिन हाजिरी 81 मजदूरों की भरी गई। इस सूची में सरपंच के दोनों पुत्रों के नाम भी दर्ज थे। अब बड़ा सवाल यह है कि इस खुलासे के बाद प्रशासन इस घोटाले पर क्या कार्रवाई करता है?  


क्या संबंधित अधिकारी निष्पक्ष जांच करेंगे या इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल देंगे? अगर समय रहते इस भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह सरकार की योजनाओं के दुरुपयोग का एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा। जनता अब सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की धांधली न हो सके।

इनका कहना है-

उक्त मामला मेरे संज्ञान मैं आया है टीम गठित कर मामले की अतिशीघ्र जाँच कराई जाएगी। तथा दोसी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।

यजुर्वेन्द्र कोरी सी ई ओ ढीमरखेड़ा।

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