हिंदी शीघ्र ही राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होगी - रवींद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य भारती की जिला उपवेशन एवं चिंतन बैठक संपन्न

 



हिंदी शीघ्र ही राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होगी - रवींद्र शुक्ल


हिंदी साहित्य भारती की जिला उपवेशन एवं चिंतन बैठक संपन्न


सागर। उदार हृदय वाले लोगों की तो संपूर्ण धरती ही परिवार है। भारतीय संस्कृति और चिंतन इसी भावभूमि पर अपने आप को खड़ा रखकर मानवता की रक्षा करने में विश्वास रखती है। हिंदी साहित्य भारती ने भी "मानव बन जाए जग सारा, यह पावन संकल्प हमारा" को अपना ध्येय बनाकर विश्व के बुद्धिजीवियों को एक साथ लाकर शांति की स्थापना के लिए आंदोलन प्रारंभ किया है।यह बात मंगलवार को स्वामी विवेकानंद अकैडमी गोपालगंज में हिंदी साहित्य भारती संस्था द्वारा आयोजित जिला उपवेशन एवं चिंतन बैठक में मुख्य अतिथि संस्था के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तर प्रदेश शासन के पूर्व शिक्षा मंत्री रवींद्र शुक्ला ने अपने प्रभावी उद्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि संस्था के माध्यम से हर प्रदेश के उत्कृष्ट साहित्यकारों को देश तथा विदेश के मंचों पर स्थान दिलाने का प्रयत्न किया जाएगा साथ ही "इदं न मम, इदं राष्ट्राय" तथा "माताभूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:" के मंत्र को केंद्र में रखकर मानव कल्याणकारी में साहित्य रचना करने वाले साहित्यकारों को प्रेरित कर पुरस्कार प्रशिक्षण आदि की आयोजना की जावेगी।

अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के पूजन अर्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात कवि मुकेश तिवारी द्वारा सरस्वती वंदना का मधुर गायन किया गया। मंचासीन अतिथियों का स्वागत आयोजन संस्था अध्यक्ष अंबिका प्रसाद यादव, सचिव दामोदर प्रजापति, कोषाध्यक्ष आर के तिवारी, बसंत श्रीवास्तव, डॉ. सुजाता मिश्र, राजकुमार रायकवार, प्रदीप चौरसिया द्वारा शाल, पुष्प माला, श्रीफल भेंट कर किया गया। हिंदी साहित्य भारती जिला सागर के अध्यक्ष कवि अंबिका प्रसाद यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा महाकौशल प्रांत अध्यक्ष प्रणय श्रीवास्तव 'अश्क' ने संस्था के उद्देश्यों और कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए अपने विचार व्यक्त किये। सागर इकाई के सचिव दामोदर प्रजापति ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का विधिवत एवं प्रभावपूर्ण संचालन डॉ सुखदेव वाजपेयी प्राध्यापक ने किया। कार्यक्रम में‌ उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनों को हिंदी साहित्य भारती के अंग वस्त्र से अभिनंदित किया गया।

इस अवसर पर बालाघाट इकाई के

महामंत्री अमर सिंह,कोषाध्यक्ष मोहन आचार्य,स्वामी विवेकानंद अकादमी से निदेशक आदित्य प्रखर तिवारी, बुंदेली गायक शिवरतन‌ यादव, श्यामलम् अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र, डॉ आशीष द्विवेदी,डॉ.वंदना गुप्ता, ज ला राठौर प्रभाकर, डॉ आर आर पांडेय,माधव चंद्रा,डॉ नलिन जैन,अभिनंदन दीक्षित, 

आर सी चौकसे, वृंदावन राय सरल, प्रेम शंकर दुबे, डॉ यू एस पांडे, रजनीश शुक्ला, रामकरण रावत, गजेंद्र सिंह गौर, गणेश सैनी, राजेंद्र तिवारी, सुरेन्द्र अहिरवार, राजू स्वर्णकार,धीरेंद्र सेन सहित अनेक काव्य व हिंदी प्रेमियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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