रिपोर्टर : हेमंत सिंह
कटनी : मध्यप्रदेश सरकार, किसानों की समृद्धि और कृषि के सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में, हमने किसानों के हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जो न केवल प्रदेश के बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए एक नई दिशा तय करेंगे।
मुख्य घोषणाएँ और किसान हितैषी निर्णय गेहूं एवं धान उत्पादक किसानों को बड़ा तोहफा
गेहूं की एमएसपी (22,425/क्विंटल) से अधिक ₹2,600 प्रति क्विंटल की दर से खरीद। धान उत्पादक किसानों को ₹2,000 प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि। 1.88 लाख से अधिक किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया। डेयरी एवं सौर ऊर्जा से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
दूध खरीद पर बोनस देने का निर्णय।
किसानों को सोलर पंप प्रदान कर सिंचाई में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
केंद्र सरकार की मदद से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा में वृद्धि KCC लोन की सीमा ९३ लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दी गई, जिससे 65.83 लाख किसानों को लाभहोगा।
PM किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त 24 फरवरी को जारी की गई, जिससे 9.8 करोड़ किसानों को ₹22,000 करोड़ से अधिक की सहायता मिली।
धन-धान्य कृषि विकास योजना
देश के 100 कृषि पिछड़े जिलों का चयन, जहां किसानों को बिजली, पानी, सड़क एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जाएगा।
कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक बजट वृद्धि 2014 में कृषि बजट ₹21,000 करोड़ था, जो अब ₹1.27 लाख करोड़ हो चुका है।
बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाया, प्याज निर्यात शुल्क 40% से घटाकर 20% किया, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
फसल बीमा योजना और एमएसपी पर बड़ा फोकस
1.72 लाख करोड़ रुपये किसानों को फसल बीमा योजना के तहत प्रदान किए गए।
एमएसपी पर 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक की फसल खरीदी, जिसमें गेहूं, धान, कपास, दलहन और तिलहन प्रमुख हैं।
किसानों के लिए सब्सिडी और सस्ती खाद की व्यवस्था12 लाख करोड़ की उर्वरक सब्सिडी। भारत में सबसे सस्ता यूरिया ₹270 प्रति बोरी, जबकि अन्य देशों में यह हजारों रुपये में उपलब्ध है।
जल संरक्षण एवं सिंचाई का विस्तार 2003 में सिंचित भूमि 7 लाख हेक्टेयर थी, जो अब बढ़कर 46 लाख हेक्टेयर हो गई है।
जल संरक्षण के लिए स्टॉप डेम और छोटे-बड़े तालाबों का निर्माण जारी है।
प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा 75,000 किसानों को प्राकृतिक कृषि अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।
कोदो, कुटकी एवं अन्य मोटे अनाज की खरीद को प्राथमिकता दी जा रही है।
बिजली क्षेत्र में सुधार और किसानों को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना 2003 में बिजली उत्पादन क्षमता 4,720 मेगावाट थी, जो अब 23,788 मेगावाट हो गई है।
"अन्नदाता को ऊर्जा दाता" बनाने की योजना पर काम जारी।
टमाटर/प्याज/आलू के बेहतर दाम सुनिश्चित करने के प्रयास सरकार किसानों की उपज को राज्य के अन्य शहरों एवं दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े बाजारों तक ट्रांसपोर्ट करने का खर्च उठाएगी।
पशुपालकों के लिए विशेष योजना
₹100 करोड़ से अधिक के FMD (खुरपका-मुंहपका) टीके लगाए जा रहे हैं ताकि पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सके।
अंतिम संदेश
मध्य प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य है कि किसान सिर्फ अन्नदाता न रहे, बल्कि वह "समृद्ध भारत का निर्माता" बने।
हम आशा करते हैं कि मीडिया जगत इस प्रयास को जनता तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाएगा
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