विजयराघवगढ़ में माता शारदा का मंदिर है एक प्रमुख धार्मिक स्थल

 कटनी -विजयराघवगढ़ में माता शारदा का मंदिर है एक प्रमुख धार्मिक स्थल 



1826 में राजा प्रयागदास ने कराई थी स्थापना 

कटनी 

           कटनी से 33 किलोमीटर दूर विजयराघवगढ़ एक ऐतिहासिक स्थान है। नदीपार में स्थित जगतजननी शारदा देवी मंदिर है। नवरात्रि के दौरान मैहर में मां शारदा देवी के मंदिर में भक्तों का तांता लगता है। लेकिन मैहर से लगी कटनी जिले में शारदा देवी विराजती है। नवरात्रि में मां शारदा देवी की बड़ी बहन के मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है इसके चलते 1857 की क्रांति में अपनी अमित छाप छोडने वाले सरयू प्रसाद की ऐतिहासिक नगरी विजयराघवगढ़ मां के धाम के कारण भी विशेष पहचान रखता है। बताया जाता है विजयराघवगढ़ में 1826 में राजा प्रयागदास ने इस मंदिर की स्थापना कराई थी।। 

191 वर्ष पुराना मंदिर 

मैहर किले में विराजीं सरस्वती स्वरूपा मां शारदा राजा प्रयागदास के साथ कटनी जिले के विजयराघवगढ़ नगर 1826 में पहुंची हैं। पहाड़ी पर माता शारदा का मंदिर बनवाया। राजा प्रयागदास मां शारदा के बहुत बड़े भक्त थे और उनकी मां शारदा पर अटूट आस्था थी। यहां के लोग व सूत्रों ने बताया कि जैसे मैहर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ पहुंचते है, वैसे ही इस धाम में भी प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तों का आना होता है मां के दर्शन में अनूठा रहस्य समाया हुआ है। मान्यता है कि यहां मां के दर्शन मात्र से बिगड़े काम बनते हैं। 191 वर्ष से श्रद्धालुओं पर वे अपनी कृपा बरसा रही हैं।

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