मध्याह्न भोजन के बाद, पानी की एक- एक बून्द के लिए तरसते, स्कूली बच्चे
न्यूज़ एम पी एक्सप्रेस / कटनी : कटनी जिले की कटनी तहसील के खीरवा गांव मे शासकीय प्राथमिक स्कूल जहाँ शासन ने बच्चो के लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था तो की लेकिन पानी के व्यवस्था नहीं क़र पाया है नन्हे मुन्हे स्कूल के बच्चो द्वारा माध्यन भोजन के बाद पानी की एक एक बून्द के लिए तरसते है ऐसा इसलिए क्योंकि सरस्वाही ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाले खिरवा प्राथमिक स्कूल मे लगभग 56 बच्चे अध्ययनरत है व 2 शिक्षक है पुरे स्कूल मे कही पानी की व्यवस्था नहीं है न कोई बोर और न नहीं हेंड पम्प, जिसे बच्चे मध्याह्न भोजन व अन्य जरूरत के लिए पानी उपयोग क़र सके, स्थानीय लोगो द्वारा बताया गया दूर दूर तक पानी की साधन(हेंड पम्प व बोरिंग) नहीं है जानकारी अनुसार यहां मध्याह्न भोजन बनाने वाली समूह की महिलाओ द्वारा स्वयं भोजन के लिए बस पानी अपने घर व बाहर से लाया जाता है इस स्कूल मे प्रासाधन आदि की व्यवस्था नहीं है आधुनिक भारत मे आज भी शासकीय स्कूल मूल भूत सुविधा से वंचित है गौरतलब कुछ दिन पूर्व कटनी कलेक्टर ने एक शिक्षक के जनसुनवाई मे पहुंचने पर तत्काल उस शिक्षक को निलंबित क़र दिया था, फिर उक्त ऐसी ज्वालंत बच्चो की पानी की समस्या पर जिला के उच्च अधिकारी क्यों संज्ञान नहीं लेते है?
क्या है मिड डे मिल -
मध्याह्न भोजन, जिसे मिड-डे मील के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एक योजना है जिसका उद्देश्य सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त में दोपहर का भोजन उपलब्ध कराना है। यह योजना बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करने और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है।

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