जल जीवन मिशन के कार्यों की धीमी प्रगति पर ठेकेदार फर्म मेसर्स शिवम इंजीनियरिंग को 14 दिन का को अंतिम नोटिस जारी

 जल जीवन मिशन के कार्यों की धीमी प्रगति पर ठेकेदार  फर्म मेसर्स शिवम इंजीनियरिंग को 14 दिन का को अंतिम नोटिस जारी



कटनी - विकासखंड ढीमरखेड़ा के ग्राम सिलौंडी, नैगई और कछारगाँव तथा ग्राम पंचायत स्‍लीमनाबाद के हरदुआ ग्राम में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत नल जल योजना के कार्य में रूचि नहीं लेने एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा न करने पर कलेक्‍टर कटनी के निर्देश पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने ठेकेदार फर्म मेसर्स शिवम इंजीनियरिंग को 14 दिन का अंतिम नोटिस जारी किया है। 14 दिन के भीतर संतोषजनक प्रगति नहीं होने पर अनुबंध रद्द कर फर्म को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया जाएगा।


*यह है पूरा मामला*


          मेसर्स शिवम इंजीनियरिंग को फरवरी 2022 में इन गांवों में नल जल योजना के क्रियान्‍वयन हेतु कार्य पूरा करने का ठेका मिला था, जिसे 8 महीने में पूरा करना था। लेकिन ढाई साल से अधिक समय बीतने के बाद भी कार्य की प्रगति बहुत धीमी पाई गई। इस देरी के कारण फरवरी 2025 से अब तक ग्रामीणों द्वारा की गई 13 सीएम हेल्पलाइन शिकायतें भी लंबित है।


*जनसंवाद में संज्ञान में आया मामला*


          कचनारी में आयोजित लोक सुनवाई सह जनसंवाद कार्यक्रम में ग्राम सिलौंडी और नैगई की पाइपलाइन के अधूरे काम को लेकर शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद यह मामला कलेक्‍टर के संज्ञान में आया था। जिसके बाद कलेक्‍टर के निर्देश पर विभाग ने ठेकेदार फर्म को टीम बढ़ाकर योजना का कार्य तत्‍काल पूरा कराने के निर्देश दिये थे।


*भुगतान के बाद भी काम शुरू नहीं*


          विभाग द्वारा ठेकेदार फर्म को कई बार लिखित एवं मौखिक रूप से कार्य पूरा करने के निर्देश दिये गये परंतु, फर्म ने भुगतान न होने का हवाला दिया था। जिसके बाद 27 जून 2025 को भुगतान कर दिया गया। इसके बावजूद, फर्म ने दोबारा काम शुरू नहीं किया और न ही सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को सुलझाया। ठेकेदार ने लगातार बारिश को काम शुरू न करने का कारण बताया, जिसे विभाग ने सही वजह नहीं माना। क्योंकि जिले के अन्य क्षेत्रों में काम बिना किसी बाधा के जारी है।


          कलेक्‍टर के निर्देश एवं विभाग द्वारा फर्म को समय-समय पर लिखित एवं मौखिक रूप से अनुबंध के अंतर्गत कार्य पूरा करने के निर्देश के बाद भी फर्म द्वारा कार्य पूरा करने में कोई रूचि नहीं ली गई। जिसके बाद विभाग ने फर्म को 14 दिन का अंतिम नोटिस जारी करते हुये सख्त निर्देश दिए हैं कि वह 3 दिन के भीतर सभी लंबित सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का समाधान करे। साथ ही, 14 दिन के भीतर टंकी और अन्य कार्यों को शुरू कर प्रगति रिपोर्ट सौंपे। यदि संतोषजनक प्रगति नहीं दिखी, तो ठेकेदार का अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा और उसे काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया जाएगा। इसके लिए ठेकेदार स्वयं जिम्मेदार होगा।

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