नियमों की अवहेलना करने पर तीन उर्वरक विक्रेताओं का विक्रय प्राधिकार निरस्‍त एक माह के अंदर खाद स्‍कंधों का विक्रय करने के दिए गये निर्देश एक माह के बाद बचे उर्वरकों को किया जाएगा राजसात

 नियमों की अवहेलना करने पर तीन उर्वरक विक्रेताओं का विक्रय प्राधिकार निरस्‍त


एक माह के अंदर खाद स्‍कंधों का विक्रय करने के दिए गये निर्देश


एक माह के बाद बचे उर्वरकों को किया जाएगा राजसात



कटनी – अमानक बीज एवं उर्वरक विक्रेताओं के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के कलेक्‍टर दिलीप कुमार यादव द्वारा दिए गये निर्देश के पालन में नियमों का उल्‍लंघन करने पर विकासखंड बड़वारा के 3 उर्वरक विक्रेताओं का उर्वरक विक्रय प्राधिकार निरस्‍त कर दिया गया है। 


कलेक्‍टर के निर्देश पर की गई इस कार्यवाही के संबंध में उपसंचालक किसान कल्‍याण एवं कृषि विकास और उर्वरक पंजीयन अधिकारी डॉ. आर एन पटेल ने बताया कि ग्राम खितौली के मेसर्स भोलेनाथ गुप्‍ता, मेसर्स हनुमान बीज भंडार (प्रो. कपिल गुप्‍ता) एवं मेसर्स विनोद गुप्‍ता के विरूद्ध उर्वरक गुणनियंत्रण आदेश 1985 के खण्‍ड 31(1) के उल्लंघन करने पर उर्वरक विक्रय प्राधिकार निस्‍त करने की कार्यवाही की गई है।


 श्री पटेल ने बताया कि मेसर्स भोलेनाथ गुप्‍ता को उर्वरक विक्रय प्राधिकार 30 जुलाई 2011 को जारी किया गया था। जो 29 जनवरी 2026 तक वैध था। इसे तत्‍काल प्रभाव से समाप्‍त कर दिया गया है।


इसी प्रकार मेसर्स हनुमान बीज भंडार को 16 मई 2012 को उर्वरक विक्रय प्राधिकार प्रदान किया गया था एवं इसकी वैधता 7 जनवरी 2026 तक थी। इसे तत्‍काल प्रभाव से समाप्‍त कर दिया गया है।


जबकि मेसर्स विनोद गुप्‍ता को 22 जुलाई 2011 को विक्रय प्राधिकार प्रदान किया गया था। इसकी वैधता तिथि 31 अक्‍टूबर 2026 तक थी। जिसे तत्‍काल प्रभाव से समाप्‍त कर दिया गया है।


इन तीनों उर्वरक विक्रेताओं को कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिवस में जबाव प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया था। परंतु, संबंधित संस्थानों द्वारा प्रस्तुत जबाव संतोषप्रद नहीं पाया गया है। जिसके बाद उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश-1985 के खण्‍ड 31(1) के अंतर्गत यह कार्यवाही करते हुए इन संस्‍थानों को प्रदाय उर्वरक विक्रय प्राधिकार निरस्‍त कर दिया। साथ ही संबंधित विक्रेता संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि ये संस्थान अपने पास उपलब्ध समस्त उर्वरक स्कन्धों का विक्रय एक माह की अवधि के अन्दर कर लें, अन्यथा एक माह पश्चात् शेष बचे उर्वरकों को राजसात कर लिया जायेगा।


उल्‍लेखनीय है कि जुलाई माह में भी 3 उर्वरक विक्रेताओं का विक्रय प्राधिकार निरस्‍त कर दिया गया था। इस प्रकार अब तक जिले में कुल 6 उर्वरक विक्रेताओं का विक्रय प्राधिकार निरस्‍त किया जा चुका है।

Post a Comment

Previous Post Next Post