हिदूं धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार हर साल 4 बार नवरात्रि पड़ती है। जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है, जो गृहस्थ लोगों के लिए खास नहीं मानी जाती है। इसके साथ ही एक चैत्र माह में पड़ने वाली चैत्र नवरात्रि और दूसरी आश्विन मास में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि होती है शारदीय नवरात्रि की बात करें तो इस साल अक्टूबर माह में पड़ रही है। शारदीय नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है। इस साल पूरे 9 दिनों की शारदीय नवरात्रि होगी। धार्मिक मान्यता यह है कि जो व्यक्ति मां दुर्गा की पूजा - आराधना सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से करता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आज हम बात कर रहे है। कटनी से 20 किलोमीटर दूर बरही रोड स्थित है मां कंकाली धाम निगहरा की। नेत्र रूप में पूजी जाने वाली मां कंकाली का इतिहास बताते हुए गाँव के विभाष दुबे ने बताया कि कंकाली माता एक कुएं से प्रकट हुई थी। कहाँ जाता है कि गाँव में स्थित एक पुराने कुएं में एक बर्मन पानी भर रहा था पानी के साथ बाल्टी में मां प्रकट हो चुकी थी यह बात बर्मन को नहीं पता थी जिसके बाद बाल्टी का पानी घड़े में डाल दिया जो एक ब्राह्मण के घर पहुंच गई। रात में घड़े से गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दी जिसके बाद ब्राह्मण ने इसकी सूचना गाँव वालों को दी सभी ने देखा कि घड़े में एक आंख चमक रही है निकालने पर देखा कि नेत्र जैसे आकार में पत्थर घड़े के पानी में ऊपर तैर रहा है। घड़ा रात में ढांक कर रख दिया गया इसी दौरान रात में पंडे को मां ने स्वयं सपना दिया में इस गाँव में आ चुकी हूं मेरी स्थापना पहाड़ में करवाओ सुबह होते ही यह खबर आस - पास के क्षेत्र में भी फैल गई निगहरा के ग्रामीणों ने विधि - विधान से मां कंकाली माता की स्थापना पहाड़ में कराई। पहाड़ी में नेत्र रूप विराजी मां के धाम की प्रमुख विशेषता है हर वर्ष जवारा कलश बढ़ जाते हैं। मां की कृपा से अभिभूत हुए श्रद्धालुओं द्वारा कलश स्थापित कराएं जाते हैं। हर वर्ष 500 - 1000 कलश गिनती के बोए जाते हैं लेकिन 3-5 कलश बढ़ जाते हैं। सुरेश त्रिपाठी, विभाष दुबे, सचिन दुबे, तृप्ति दुबे, पुष्पलता दुबे, ब्रजेश दुबे, नीरज पाठक आदि ने बताया कि कई बार इस रहस्य को जानने का प्रयास किया गया, लेकिन आज तक किसी को पता नहीं चला। यह मंदिर करीब 80 वर्ष से अधिक समय से बना है ऐसे धाम में ब्रम्ह मूहूर्त से 300 सीढ़ी चढकर प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा होता है।
किस पर सवाल होकर आएंगी मां दुर्गा
देवी भागवत पुराण के अनुसार, नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा धरती पर ही वास करती हैं। ऐसे में वह किसी न किसी वाहन में सवार होकर आती हैं और वापसी भी इसी तरह करती हैं। बता दें कि इस बार शारदीय नवरात्रि गुरूवार के दिन शुरू हो रही है। इसलिए मां का आगमन डोली से हो रहा है। मान्यता है कि मां का डोली से आना सुख - समृद्धि लेकर आता है।
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