कलेक्टर आशीष तिवारी ने धान उपार्जन कार्य की समीक्षा कर अधिकारियों को दिये निर्देश
दलालों और बिचौलियों पर रखें पैनी नजर
उड़नदस्ता दल और नोडल अधिकारियों की करें तैनाती
कटनी - जिले में दिसंबर माह से समर्थन मूल्य पर संभावित धान उपार्जन कार्य, किसानों की सुविधा और पारदर्शिता तथा मजबूत निगरानी तंत्र की देखरेख में सुनिश्चित किया जाय। कलेक्टर आशीष तिवारी ने यह निर्देश गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा के दौरान दिये।
कलेक्टर श्री तिवारी ने धान उपार्जन कार्य से संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि धान उपार्जन में दलालों-बिचौलियों और व्यापारियों पर पैनी नजर रखी जाये। उन्होंने इसके लिये उड़नदस्ता दल गठित करने और प्रत्येक खरीदी केन्द्र के लिये नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने की हिदायत दी।
*किसानों को न हो असुविधा*
कलेक्टर श्री तिवारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे संभावित उपार्जन केन्द्रों का आकलन करें। गोदामों की मैपिंग करें और फिर गोदाम स्तरीय खरीदी केन्द्रों की सूची तैयार करें। उन्होंने अधिकारियों को दो-टूक लहजे में हिदायत दी कि उपार्जन केन्द्र इस प्रकार बनाये जायें कि किसानों को अपने खून-पसीनें की मेहनत से पैदा की गई धान की उपज को बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा और परेशानी न हो।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने 1 हजार मीट्रिक टन या उससे अधिक रिक्त क्षमता वाले गोदामों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रबंधक म.प्र. वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन को दिये। कलेक्टर श्री तिवारी द्वारा निर्देश दिये गये कि जिन गोदामों में उपार्जन केन्द्र स्थापित किये जाने हैं, वहां चावल का भण्डारण न कराया जाये। इसे सुनिश्चित करने हेतु जिला प्रबंधक म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को आदेशित किया गया। साथ ही मंडी सचिव एवं उपसंचालक कृषि को निर्देश दिये गये कि मंडी में होने वाली धान की आवक तथा व्यापारियों के पास उपलब्ध धान के स्टॉक की नियमित मॉनीटरिंग की जाये। ताकि उपार्जन केन्द्रों में धान की रिसायक्लिंग को रोका जा सके।
*खाद की समीक्षा*
कलेक्टर श्री तिवारी ने रबी की फसल और मुख्यत: गेहूँ की बुवाई शुरू होने के बाद इसके लिये जरूरी उर्वरकों का आकलन और उपलब्धता की स्थिति की भी समीक्षा की। बताया गया कि जिले में आगामी माहों में होने वाली फसलों की बुवाई के नजरिये से जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की उपलब्धता है। उपसंचालक ने बताया कि जिले में वर्तमान में 4 हजार 354 मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता है। जबकि 5 हजार 629 मीट्रिक टन डीएपी तथा 3 हजार 204 मीट्रिक टन एनपीकेएस तथा 10 हजार 671 मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है।
कलेक्टर श्री तिवारी ने उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग, गुणवत्ताहीन उर्वरक बिक्री करने वाले और अवैध परिवहनकर्ताओं सहित इस प्रकार के कार्यों में संलिप्त लोगों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम सहित अन्य धाराओं के तहत एफआईआर कराने जैसी कार्रवाई के भी सख्त निर्देश दिए। उन्होंने धोखाधड़ी में लिप्त खाद विक्रेताओं का लायसेंस निलंबित करने जैसी कार्रवाई के भी निर्देश दिए।
*मझगवां में नकद विक्रय केन्द्र शुरू*
बड़वारा अंचल के किसानों की सुविधा के लिये मझगवां में डबल लॉक का एक उर्वरक नगद विक्रय केंद्र शुरू किया गया है। कृषक यहां से भी नगद में उर्वरक प्राप्त कर सकते है।
*नापतौल निरीक्षक करें कार्यवाही*
कलेक्टर ने निरीक्षक नापतौल को विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 अंतर्गत कार्यवाही के प्रावधानों के सम्बंध में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया। इसके साथ विगत वर्षों में धर्मकांटों में तौल सम्बंधी हुई व्यापक गड़बड़ियों की जानकारी जिला उपार्जन समिति द्वारा दिये जाने पर कलेक्टर श्री तिवारी ने नापतौल निरीक्षक को निर्देशित किया कि इस बार ऐसे प्रकरण संज्ञान में आने पर कठोर दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित करें जिससे व्यवस्था में सुधार लाया जा सके।
बैठक में जिला आपूर्ति अधिकारी सज्जन सिंह परिहार, उपसंचालक कृषि डॉ. रामनाथ पटेल, मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पियूष शुक्ला, सहायक आयुक्त सहकारिता राजयशवर्धन कुरील, मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक कारपोरेशन के जिला प्रबंधक श्री सेंगर, जिला विपणन अधिकारी आनंद नारायण पाण्डेय, नापतौल निरीक्षक माजिद खान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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