दीपावली पर पटाखों को लेकर सख्ती, कलेक्टर ने जारी किए निर्देश
अस्पताल, स्कूल, मंदिर के पास 100 मीटर दायरे में पटाखे जलाना मना; सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखों की अनुमति
कटनी। दीपावली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल को लेकर इस बार जिला प्रशासन पूरी तरह सख्त है। कलेक्टर श्री आशीष तिवारी ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार सिर्फ ग्रीन पटाखों की ही अनुमति होगी और वह भी तय समय रात 8 बजे से 10 बजे तक ही जलाए जा सकेंगे।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग और म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन अनिवार्य होगा। उन्होंने सभी पटाखा व्यापारियों से भी निर्धारित मात्रा में ही भंडारण एवं विक्रय करने के निर्देश दिए हैं।
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संवेदनशील क्षेत्रों में पूरी तरह प्रतिबंध
कलेक्टर ने बताया कि अस्पताल, नर्सिंग होम, शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थल जैसे क्षेत्रों से 100 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के पटाखे जलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें इन क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखेंगी।
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ये पटाखे पूरी तरह प्रतिबंधित
> ● बेरियम सॉल्ट और अन्य विषैले रसायनों से बने पटाखों पर प्रतिबंध
● लड़ी वाले पटाखे (जुड़े हुए पटाखे) न तो बनाए जाएंगे, न बेचे जाएंगे
● पटाखों की आवाज़ 125 डीबी(ए) से अधिक नहीं होनी चाहिए (4 मीटर की दूरी से मापी गई)
● ऑनलाइन पटाखों की बिक्री भी पूरी तरह से प्रतिबंधित
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पटाखा विक्रेताओं के लिए निर्देश
सभी अधिकृत पटाखा व्यापारी केवल ग्रीन पटाखों का ही विक्रय कर सकेंगे। उन्हें अपने लाइसेंस में निर्धारित मात्रा के भीतर ही पटाखों का भंडारण करना होगा। दुकानों में रेत की बाल्टियाँ, पानी और फायर एक्सटिंग्विशर जैसे अग्निशमन उपाय अनिवार्य होंगे।
> दुकानों के पास बीड़ी-सिगरेट न पीने के बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा और विक्रेताओं को स्वयं इसका पालन भी कराना होगा।
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सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
कलेक्टर ने नगर निगम को निर्देशित किया है कि सभी अस्थाई पटाखा दुकानों को निर्धारित स्थलों पर ही लगाने की अनुमति दी जाए। साथ ही, फायर ब्रिगेड की तैनाती, स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड में रखने, और सभी फैक्ट्रियों व गोदामों के निरीक्षण के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं।
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साफ-सफाई को लेकर अपील
दीपावली के बाद पटाखों से बचा अधजला बारूद, कचरा या टुकड़े कहीं भी न फेंके जाएं, खासकर प्राकृतिक जल स्रोतों और पेयजल स्त्रोतों के पास नहीं। यह बच्चों और पशुओं के लिए खतरनाक हो सकता है। नागरिकों से अपील की गई है कि यह कचरा एकत्र कर नगर निगम के कर्मचारियों को सौंपें, ताकि उसका सुरक्षित निपटान हो सके।
जिम्मेदार नागरिक बनें
कलेक्टर श्री तिवारी ने जिलेवासियों से अपील की है कि दीपावली का पर्व पर्यावरण के अनुकूल, सुरक्षित और सद्भावना पूर्ण तरीके से मनाएं। प्रशासन की गाइडलाइंस का पालन कर सभी मिलकर एक स्वच्छ और सुरक्षित दीपावली का संदेश दें।
रिपोर्ट: विशेष संवाददाता |

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