कुठला स्थित के.जी. चौदहा वेयरहाउस सील, जांच संस्थित
रामाकृष्ण वेयरहाउस पर 37 हजार रूपये का लगा जुर्माना
कटनी /न्यूज़ एम पी एक्सप्रेस /आशीष चौधरी : समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ होते ही कलेक्टर श्री आशीष तिवारी के निर्देश पर राजस्व, खाद्य एवं कृषि उपज मंडी के संयुक्त जांच दल की कार्रवाइयाँ तेज हो गई हैं। सोमवार को एसडीएम कटनी के नेतृत्व में टीम ने कुठला स्थित के.जी. चौदहा वेयरहाउस का निरीक्षण किया। पूर्व में की गई जांच के दौरान पाई गई 18 हजार 600 बोरी धान के संबंध में आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत न करने पर वेयरहाउस को सील कर जांच संस्थित कर दी गई।
जिले में किसानों के अलावा दलालों, व्यापारियों और बिचौलियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान बेचे जाने की संभावनाओं को रोकने हेतु 19 और 26 नवंबर को संयुक्त जांच दल ने कुल 8 गोदामों का निरीक्षण किया था। इनमें से सांवरिया और श्रीजी वेयरहाउस में धान का भंडारण नहीं पाया गया था।
व्यापारियों से वसूली जा रही पेनाल्टी
कुल 8 में से 6 वेयरहाउस पर अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
रामाकृष्णा वेयरहाउस बायपास कटनी में जांच में 3,014 क्विंटल धान भंडारित पाया गया। इसमें से—
1662.8 क्विंटल धान का मंडी शुल्क जमा पाया गया
261.2 क्विंटल धान के लिए व्यापारी आकृति ट्रेडर्स द्वारा पेनाल्टी सहित 37,128 रुपये जमा किए गए
77.76 क्विंटल धान बीज श्रेणी में होने से शुल्क से मुक्त पाया गया
शेष 1012.24 क्विंटल पर देय मंडी शुल्क 1,03,755 रुपये तथा दाण्डिक निराश्रित शुल्क 20,751 रुपये की वसूली हेतु गोदाम संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया है
मधुर नीलकंठ वेयरहाउस में 3,407 बोरी धान पाया गया। संचालक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में रकबा अनुसार अधिकतम भंडारण क्षमता और वास्तविक भंडारण मात्रा में भारी अंतर मिलने से मामला प्रक्रियाधीन है।
अन्य 3 वेयरहाउस—श्रीनिवास वेयरहाउस, गुप्ता वेयरहाउस, मधुर महादेव वेयरहाउस—में दस्तावेजों की जांच जारी है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
20 जनवरी तक धान निकासी पर प्रतिबंध
समर्थन मूल्य पर खरीदी में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कलेक्टर श्री तिवारी ने जिले के व्यापारियों द्वारा भंडारित धान की निकासी पर 20 जनवरी 2026 तक प्रतिबंध लगा दिया है। इस अवधि में निकासी केवल संबंधित एसडीएम की लिखित अनुमति एवं अधिकृत अधिकारी की उपस्थिति में ही संभव होगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि व्यापारियों द्वारा निकाला गया धान किसी भी स्थिति में उपार्जन केंद्रों में बिक्री हेतु न पहुंचे।

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